– मनिन्दर कौर
लिखने लगी हूँ पैगाम,
ए नए साल मैं तेरे नाम;
अभिनंदन है तुम्हारा|
पिछली कड़वी यादों को पीछे छोड़,
आते – आते खुशियाँ ले आना|
पिछले वर्ष अपनों से,
दूर दूर रह कर गुजरे|
इस वर्ष कृपा बनाए रखना,
हमें अपनों से मिलाए रखना|
बेटियाँ हो गई हैं और पराई,
बेटे हैं परदेस मे अटके|
ज्यादा कुछ नहीं मांगा तुझसे,
बना रहे अपनों का साथ|
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा|
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा|