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हमीद कानपुरी
दोहे
इश्क़ नहीं आसान शै, पालो मत ये रोग।
चार दिन की चाँदनी, जीवन भर का सोग।
बनकर आना चाहती, हर औरत इक हूर।
ब्यूटी पार्लर गर्ल से, लेकिन है मज़बूर।
सद् विचार पूँजी बड़ी, माने ये संसार।
ग़लत राह से रोकते, कम करते हैं खार।
दिल को उपवन ले बना, खिला प्रेम के फूल।
नफ़रत की खेती भला, किसके है अनुकूल।
प्रेम करे इंसान तो, हो जाता है पूर्ण।
गहता है जब ज्ञान को, होता है संपूर्ण।
– अब्दुल हमीद इदरीसी
79,मीरपूर, कैण्ट, कानपुर –208004