राष्ट्रनिर्माता बापू
– दुर्गेश मोहन भारत के उन्नायक कहलाए गांधी। कभी नहीं वे डरते चाहे हो आंधी। गांधी जी स्वर्णिम…
– दुर्गेश मोहन भारत के उन्नायक कहलाए गांधी। कभी नहीं वे डरते चाहे हो आंधी। गांधी जी स्वर्णिम…
– दुर्गेश मोहन भारत के गगनांगन में स्वतंत्रता की प्रतिमूर्ति महात्मा गांधी का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा। इन्होंने अपने त्याग,…
– मोहित त्रिपाठी चल रहा एक अदृश्य प्रलय जो न जग को दृष्टिमान होता, सब सजग मधु रागिनी में…
लेखक कलम का मजदूर है तो, रचना का प्रकाशन औऱ परिश्रमिक उसकी मजदूरी है !: सिद्धेश्वर पटना !…
– दुर्गेश मोहन बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। प्यार का अनुपम संदेश अपनाओ। बेटी का भ्रूण हत्या है पाप, यह…
– वंदना संजयजी भंसाली “ओहो मां, आज दिवाली के दिन भी आप इतनी देर से घर आई हो। हम दोनों…
एक नया एपिसोड : तेरे मेरे दिल की बातें अधिकांश लेखकों का मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है l…
सिद्धेश्वर की कविता समाज के मुखौटे को उतारने में पूर्णतः सफल है l” : नेहा नूपुर ——————————————–…
दुर्गेश मोहन चौदह सितम्बर है यादगार यह है हिन्दी दिवस। यह है अनुपम व लाभकारी यह है फैलाती ज्ञान व…
हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वालों को मिला “हिन्दी श्रेष्ठ सम्मान”* *प्रदेश में पहली बार हुआ ऐसा आयोजन* …
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