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पटना :17/10/2021! ” लघुकथा यदि अपनी कथावस्तु के माध्यम से कुछ संदेश दे जाए, तब वह पूर्ण रूप से सार्थक सिद्ध होती है ! कम शब्दों में प्रभावकारी संदेश दे जाना, लघुकथा की एक अलग विशेषता है l इस ख्याल से, शराफत अली खान की ढेर सारी लघुकथाएं, सफल और सार्थक है l”
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में, फेसबुक के ” अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका ” के पेज पर, संचालन करते हुए संयोजक एवं अध्यक्ष सिंहेश्वर उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया ! विशेष कार्यक्रम के तहत बरेली के वरिष्ठ लघुकथाकार शराफत अली खान का एकल लघुकथा पाठ संपन्न हुआ l अपनी एकल लघुकथा में शराफत अली खान ने अपनी एक दर्जन से अधिक प्रतिनिधि लघुकथाओं का पाठ किया l

उनकी लघुकथाओं पर टिप्पणी करते हुए सिद्धेश्वर ने कहा कि – ” उनकी पढ़ी गई लघुकथाओं के सन्दर्भ में कहा जा सकता है कि -” शराफत अली खान जैसे लघुकथाकार,समाज में व्याप्त विसंगतियों पर आघात कर, एक नए समाज की कल्पना करते हैं ! शराफत अली खान सौहार्द और प्रेम के लघुकथाकार हैं ! ”
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में, ” सुनो कविता” के तहत, नरेश अग्रवाल की कविता ” मैं जब दौड़ता हूं, तो यह मशाल बन जाती है, सोता हूं तो लालटेन, औरों के पास बैठता हूं, तो प्रकाशित करती है, उनके चेहरे को !” तथा सिद्धेश्वर ने – ” तुम्हारा एक कदम, किसी का सर्वोच्च होता है, किसी की मंजिल होती है, किसी की तकदीर होती है!/ तुम्हारी सिर्फ, एक नादानी से, किसी का बन रहा, सपनों का ताजमहल , एकाएक ढह जाता है!”और सोहल हरिंदर सिंह ने -” भरी दुनिया में गर तुम से,बने इक राम गनीमत है, मिलेगा क्या भला, रावण के पुतले लाख जलाने से ? ” की प्रस्तुति हुई !”
” सुनो लघुकथा के तहत, श्याम सुंदर अग्रवाल की ” भीख ” तथा विजयानंद विजय की लघुकथा ” स्वदेशी ” प्रस्तुत की गई ! इसके अतिरिक्त मधुरेश नारायण, अंजू भारती ने संगीतमय प्रस्तुति दिया ! इस इंद्रधनुषी कार्यक्रम में, ऋचा वर्मा, राज प्रिया रानी, गजानन पांडे, सोहेल फरूकी, संतोष मालवीय, दुर्गेश मोहन,राज कान्ता की भी भागीदारी रही l

– प्रस्तुति : राज प्रिया रानी / उपाध्यक्ष एवं सिद्धेश्वर / अध्यक्ष : भारतीय युवा साहित्यकार परिषद पटना / मोबाइल :92347 60 365

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