छुट्टी है
. डॉ. जियाउर रहमान जाफरी नहीं नींद होती है पूरी रह जाती है बात अधूरी मम्मी कहती आओ बेटे सुनो…
छोरी है तू
– अंजू अग्रवाल “अरे छोरी! कित्ती दफे समझाया-धीमे हंसा कर…! पूरे मोहल्ले में आवाज गूंजे है तेरी…!” “क्या…
कभी सोचा है, जिंदगी सफर कर रही
– विद्या शंकर विद्यार्थी ऐसे वैसे तुम तो, जी लेते हो जैसे तैसे कभी सोचा है, जिंदगी सफर कर रही…
बेटा बेटी एक समान
— सिद्धेश्वर ” यार, तुम आज भी किस विचारधारा में जी रहे हो ? 21वीं शताब्दी में आ गए, लेकिन…
लघुकथा, लघु और सृजन कठिन
सकारात्मक सोच को एक नई दिशा देती है अंजू अग्रवाल की लघुकथाएं ! : सिद्धेश्वर! “””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” लघुकथा…
हिन्दी
– गिरेन्द्रसिंह भदौरिया “प्राण” (ताटंक, ककुभ और लावणी छन्दों में) मीठी मीठी भाषाओं से शोभित है परिवेश सखे। फिर भी…
जरूरी है
– डॉ. राजश्री तिरवीर बहर :- 1212 1122 1212 22 करो जो गलती क्षमा मांगना जरूरी…