Spread the love

 

पुस्तक : चमन-चमन के फूल

संपादक : नीतू सुदीप्ति नित्या

प्रकाशक : साहित्य केंद्र प्रकाशन, नई दिल्ली

 समीक्षक :  स्मिता सिंह 

हाल में युवा साहित्यकार और साहित्यप्रीत वेबसाइट की संपादक नीतू सुदीप्ति “नित्या’ के संपादन में “चमन-चमन के फूल’ पुस्तक प्रकाशित हुई है। यह एक साझा काव्य संग्रह है, जिसमें गीत, गजल, नज्म और कविताएं शामिल हैं। इसमें न सिर्फ हिंदी भाषी क्षेत्र के रचनाकार शामिल हैं, बल्कि अहिंदी भाषी क्षेत्र के कवियों की रचनाएं भी संकलित की गई हैं, इसलिए पुस्तक का नाम अनुकूल है।

संग्रह में सबसे पहला स्थान दिया गया है-बेलगांव कर्नाटक की रहने वाली डॉ. राजश्री तिरवीर की गजलों को। प्रेम-प्यार के भावों से पगी तिरवीर की गजलें किसी भी पाठक के मन को छू जाएंगी। गजलों के माध्यम से उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति गलती तो कर सकता है, लेकिन एहसास होते ही उसे अपनी गलती के लिए क्षमा मांग लेनी चाहिए।

डॉ. विभा माधवी अपनी गजलों के माध्यम से समाज और गुजरे वक्त के बारे में बताने के अलावा, अखबार में छपी खबरों की हकीकत बयां की है। रचनाकार सिद्धेश्वर ने अपनी नज्मों में वक्त की कीमत के अलावा, महामारी कोरोना के समय मानव वेश में समाज के लुटेरों और भ्रष्ट हो चुकी जनता का कड़वा सच सामने लाया है।

माला वर्मा की कविताएं “कुम्हार’ और “सूरज की चाह’ इस संकलन की श्रेष्ठ रचनाएं हैं। पुष्पा जमुआर की कविताएं “धूल हूं मैं’, “चल दिया’, “बिटिया’, “प्रवाह’ कविताएं गूढ़ अर्थ रखने के बावजूद सरल हैं।

स्थान की कमी के कारण सभी रचनाओं के बारे में बताना कठिन है। पहले बताए गए रचनाकारों के अलावा, संग्रह में शामिल अवधेश कुमार, डाॅ. सच्चिदानंद प्रेमी, प्रवीण कुमार आर्य, सेवा सदन प्रसाद, डॉ. राम कृष्ण, सुनील सौरभ, डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल, नंदलाल मणि त्रिपाठी, अम्बालिका फूल, अरुण कुमार वर्मा, जहान भारती “अशोक’, डॉ. प्रदीप गुप्ता, केदारनाथ सविता, सुधाकर मिश्र “सरस’, अरुण निशंक की विशेष अर्थ वाली रचनाएं भी पाठकों को बांध कर रखने में सक्षम हैं।

  • साभार 

सखी ( जागरण, जनवरी 2022 )

One thought on “गजल, गीत, नज्म और कविता का गुलदस्ता”

Leave a Reply

Your email address will not be published.