– महेन्द्र “अटकलपच्चू”
रात दिन मेहनत करता,
जी भर पीता पानी ।
तंगी में भी खुश रहता
मजदूर तेरी यही कहानी।
औरों की सेवा करता
सर्दी गर्मी या बरसे पानी।
तन पे कपड़ा फटा पुराना
मजदूर तेरी यही कहानी।
पालन पोषण अपनों का
करता पूरी जिंदगानी।
देश हित में मेहनत से
रचता नई कहानी।
हम भी उससे सीखें
मेहनत की परिभाषा।
मेहनत कर लो जग में
व्यर्थ न जाये जिंदगानी।
– मो. +918858899720