– विद्या शंकर विद्यार्थी
गीत
हवा में खबर फैलावल जाता
जाति के जहर मिलावल जाता
लड़े के वजह भलाई ना बाटे
कौना ना हाथे सलाई ना बाटे
मौका से पत्थर चलावल जाता।
सियासत में जाति,जाति में नेता
अदावत के भावना चले ना देता
खूनी ई खंजर हिलावल जाता।
खुनी खंजर के पसीना ना आवे
मरे ना आवे ना जीना ना आवे
बेदना प नस्तर चलावल जाता।
नोट : कलाकृति कॉपीराइट कौशलेश पांडे