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– सुरेश चौहान (श्रीमती)

 

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन की खबर आई तो देश में ही नहीं विदेशों में भी उनके करोड़ों प्रशंसको के बीच शोक की लहर दौड़ गई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को हुआ और 6 फरवरी 2022 को 92 वर्ष की उम्र में वह इस संसार को अलविदा कह कर अपने पीछे करोड़ों प्रशसंको के लिए अपनी अद्भुत लाजवाब आवाज का ऐसा जादू छोड़ कर गय़ी हैं जिसकी तुलना आगे आने वालों वर्षों में भी शायद ही किसी से की जा सकेगी। तिरंगें में लिपटा सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के पार्थिव शरीर को तीनों सेनाओं ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुम्बई के शिवाजी पार्क में अन्तिम विदाई दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सी.एस.उद्ध्व ठाकरे, शरद पवार समेत कई राजनेता शामिल हुए, वहीं खेल जगत और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जाने माने कलाकारों सहित हजारों की संख्या में उनके प्रशंसकों ने भी नम आंखों से उन्हें अन्तिम विदाई दी।

लता जी का संगीतमय सफर पांच साल की उम्र से ही शुरू हो गया था। संगीत उन्हें विरासत में जाने-माने संगीतकार अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से मिला था। सन् 1942 में एक दिन अचानक लता जी के पिता का हार्ट अटैक के कारण निधन हो जाने पर 13 साल की उम्र में परिवार की कमजोर

आर्थिक स्थिति का बोझ उनके कंधों पर आ पड़ा, तब उन्होंने फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में मंगलागौर (1942), चिमुकला संसार (1943), और माझे (1944 जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन ऐक्टिंग पसंद न होने के कारण उनका रूझान गाना गाने की तरफ तेजी से बढ़ता गया जिसमें उनकी मधुर गायकी के कारण हर साल पुरस्कारों की बारिश होने लगी। यहां तक सन् 1969 में उन्होंने अन्य कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार लेने से मना कर दिया था।

लता जी ने 36 से ज्यादा भाषाओं में लगभग 30,000 से अधिक गानों में अपनी अद्भुत आवाज दी है यह एक विश्व रिकार्ड है। लता जी ने किसी हिन्दी फिल्म के लिए आखिरी गाना 2011 में फिल्म सतरंगी पैराशूट में ‘तेरे हंसने से’ गाया था। लता जी ने जब गायकी में अपना करियर शुरू किया था तब फिल्मी गायकी को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता था, लेकिन लता जी की मधुर आवाज ने अपने करोड़ों प्रशंसकों का दिल जीत कर इस पेशे को भी गरिमामय बना दिया। देश का ऐसा कोई भी बड़ा पुरस्कार नहीं है जिससे लता जी को सम्मानित न किया गया हो। 1969 में पद्मभूषण, 1989 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड, 1999 में पद्मविभूषण और 2001 में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के अवॉर्डस में महाराष्ट्र भूषण (1997) और महाराष्ट्र रत्न (2001) से सम्मानित किया गया तो वहीं नेशनल फिल्म अवॉर्डस – फिल्म परिचय के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर (1972), कोरा कागज के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर (1974), फिल्म ‘लेकिन’ के लिए बेस्ट फीमेल सिंगर (1990) से सम्मानित किया गया। 1945 में ‘आयेगा आने वाला’ (महल) उनका पहला हिट गाना था। 1959 में आ जा रे परदेसी

(मधुमति) 1963 में कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद), 1966 में तुम ही मेरे मंदिर, तुम ही मेरी पूजा (खानदान), 1970 में आप मुझे अच्छे लगने लगे (जीने की राह), गानों में उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड मिले। 1993 में फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया तो 1994 दीदी तेरा देवर दीवाना ( हम आपके हैं कौन) के लिए फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड और 2004 में फिल्म फेयर की गोल्डन जुबली पर गोल्डन ट्राफी से सम्मानित किया गया।

वर्ष 1963 में भारत-चीन युद्ध के बाद गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान लता जी ने जब ‘ये मेरे वतन के लोगों’ गाना लाइव गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू जी समेत वहां उपस्थित सभी लोग बहुत ही भावुक हो उठे थे। यह गाना आज भी भारत की सीमाओं की रक्षा करते हमारे वीर जवानों में गजब का उत्साह भर देता है तो वही राष्ट्रीय पर्वों पर यह गाना देश के बच्चों, बूढ़ों और जवानों में भी देश भक्ति की भावना पैदा कर देता है। इस वर्ष 29 जनवरी को देश के 75वें गणतंत्र दिवस के समापन समारोह पर विजय चौक पर मनाई जाने वाली बीटिंग रीट्रीट में लता जी द्वारा गाये गये इस देश भक्ति गीत की धुन को भी शामिल कर लिया गया है। सन् 1950 से लगातार बजाई जाने वाली हेनरी फ्रांसिस, स्कॉटिश कवि द्वारा सन् 1861 में रचित क्रिश्चियन भजन की धुन ‘अबाईड विद मी’, जो महात्मा गांधी की भी पसंदीदा धुन थी, के स्थान पर लता जी के देश भक्ति गीत की धुन ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को बजाये जाने का एतिहासिक फैसला प्रधान मंत्री जी ने लिया है। लता जी के सदाबहार गीत – लग जा गले (वो कोन थी), उठाए जा उनके सितम (अंदाज), हवा में उड़ता जाए (बरसात), आयेगा आने वाला (महल), ये जिंदगी उसी की है (अनारकली), मन डोले मेरा तन डोले (नागिन), यू हसरतों के दाग (अदालत), जाएं तो जाएं कहां (टैक्सी ड्राइवर), प्यार हुआ इकरार हुआ (श्री 420), ऐ मालिक तेरे बन्दे हम (2 आंखे 12 हाथ), आ लौट के आ जा मेरे मीत (रानी

रूपमती), जब प्यार किया तो डरना क्या (मुगल-ए-आजम), ओ बसंती पवन पागल (जिस देश में गंगा बहती है), ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियां), पंख होती तो उड़ जातीरे (सेहरा), चलते चलते यू ही कोई मिल गया (पाकीजा), बिंदिया चमकेगी (दो रास्ते), कबूतर जा जा (मैंने प्यार किया), यारा सिली

सीली (लेकिन), दीदी तेरा देवर दीवाना (हम आपके हैं कौन), मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां हैं (चांदनी), जिया जले जां जले (दिल से), मेरे ख्वाबों में जो आए (दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे) जैसे अनेकों-अनेक गानों में अपनी सुरीली आवाज दी जिन्हें सुनकर और गाकर आज भी उनके प्रशंसक झूमने लगते हैं।

फिल्मी गानों के अतिरिक्त शब्द-कीर्तन, भजनों को भी अपनी मनमोहक आवाज दी है जिनके वह पैसे भी नहीं लेती थी। लता जी ने

फिल्मों में लगभग हर हीरोईनों के लिए गाना गाया है। फिर चाहे कोई भी दशक की फिल्में रही हों। नरगिस, मीनाकुमारी, वहिदा रहमान, जया भादुड़ी, काजोल यहां तक की 60 वर्ष की उम्र में भी आज की हीरोईनों के लिए गाये उनके गाने उनकी आवाज से स्वाभाविक लगते रहे हैं। संगीत उनके लिए पूजा के समान था, इसलिए वह स्टूडियों में चप्पल बाहर ही खोल दिया करती थी। उन्होंने कभी अशलील गाना गाने को महत्व नहीं दिया और ऐसे गाने, गानें के लिए साफ इन्कार कर दिया करती थी।

  • सी-2, 841 ग्राऊड फ्लोर, पालम विहार, गुड़गांव

हरियाणा, पिन-122017, फोन न. 9582267565

 

3 thoughts on “स्वर कोकिला – लता मंगेशकर”
  1. Learnt a lot from this article ‘SAHITYAPRIT’ on the ligand Lata Mangeshkar, which will inspire all the generations . No rewards/awards are left of which she was left. Songs in so many languages (36), voice starting from a teen-ager upto all heroins from time to time was heard in her voice. RIP. Lastly I must add the efforts made by both “CHOWHAN” on the issue above, thanks a lot to them. GOD bless them for the initiative role taken.

    1. Thanks Parimal. I am also fan of Rabinder Sangeet. Sangeet is a very healthy food for brain and ultimately to the body.

  2. Congratulations to Mrs Chauhan for a comprehensive article, covering all aspects of her singing career.
    One small factual inaccuracy. Article gives the impression that Lata sang Aye Mere….at Republic Day [email protected] However, song was sung in then National [email protected] Stadium possibly on Republic Day.
    I was, providentially, present there, just about 25 yds from the stage. There was no security, worth the name

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