-परमार सुरेन्द्र सिंह एन
कविता
एपने निड़र बनके डर को भगाया
आम आदमियोंको जिना सिखाया
कंयीको चलना ढंग से रहना आया
न चलने वाले को चलना शिखाया
गिरे को संभलकर लड़ना निखारा
उम्मीद बंधी कंयीओको जिनकी
विश्वास है उम्मीद बनी रहेगी नित्य
और हमैश लोग निरंतर जुड़े रहेंगे.