– सुरेश चौहान
आओ बच्चों होली खेले
आओ बच्चों होली खेले
नये ढंग की होली खेले
करोना वायरस के कारण अब
दूर-दूर से हंस ले गा लें
आओ बच्चों होली खेले
नये ढंग की होली खेले
फ्लाईंग ‘किस’ (चुम्बन) के जैसे
होली में गले मिलेगें हम सब, अब से
पिचकारी से रंग नहीं डालेगें
घर बैठे ही –
डिजटिल रंगों से होली खेले
दूर दूर से होली खेले
आओ बच्चों होली खेले
नये ढंग की होली खेले
नहीं मिठाइयां बाटेंगे, घर-घर जा कर।
घर बैठे खुद ही खाएंगे और
डिजटिल ढंग से ही खिलाएंगे सबको
आओ बच्चों होली खेले
नये ढंग की होली खेले