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मिर्जापुर। जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ सविता को प्रयागराज की साहित्यिक संस्था ‘गुफ्तगू’ का “निराला स्मृति सम्मान” मिला है। यह सम्मान उन्हें निराला जयंती के अवसर पर  प्रयागराज के बालभारती कान्वेंट स्कूल के सभागार में देश के 130 कवियों की कविताओं के शामिल संकलन ‘कविता के प्रमुख हस्ताक्षर’ के विमोचन के अवसर पर आयोजित एक समारोह मे प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें न्यायमूर्ति अशोक कुमार सिंह व वरिष्ठ साहित्यकार यश मालवीय ने प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार यश मालवीय ने महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के साथ उनके पिता उमाकांत मालवीय के कई संस्मरण सुनाये। विशिष्ट अतिथि व सरस्वती पत्रिका के संपादक रविनंदन सिंह ने कहा कि निराला जी बंगाल से इलाहाबाद आए थे। उन्हें बांग्ला भाषा आती थी। सरस्वती पत्रिका पढ़ कर उन्होंनें हिंदी सीखी। फिर उनकी कविता ‘राम की शक्ति पूजा’ और ‘तुलसीदास’ कालजयी रचना बन गयी। निराला जी की कविता ‘वह तोड़ती पत्थर’ की चर्चा प्रकाशित कविता संग्रह की भूमिका के साथ मंच पर भी की गयी। इस अवसर पर कवियों एवं कवयित्रियों ने काव्यपाठ भी किया। मिर्जापुर के लालडिग्गी निवासी कवि केदारनाथ सविता का एक कविता संग्रह “हथौड़ियों की चोट” प्रकाशित हो चुका है। वह लम्बे समय से कविता लेखन कर रहे हैं। वह इलाहाबाद बैंक की सेवा में थे।

उनको निराला स्मृति सम्मान मिलने पर नगर के साहित्यकारों व कवियों ने उन्हें बधाई दी है। बधाई देने वालों में सर्वश्री वृजदेव पांडेय, प्रमोद कुमार सुमन, भोलानाथ कुशवाहा, गणेश गंभीर, जफर मिर्जापुरी, भानुकुमार मुंतजिर, शुभम श्रीवास्तव ओम, मुहिब मिर्जापुरी, डॉ. अनुराधा ओस, हसन मिर्जापुरी, इम्तियाज अहमद गुमनाम, खुर्शीद भारती, लालव्रत सिंह सुगम, नंदिनी वर्मा, इरफान कुरेशी आदि हैं।

 

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