– कवि सुनेश्वर प्रसाद निर्भय
कम्प्यूटर के ज़माना में
अइसन समय आइल बा ।
जेकरा लगे खरची नइखे
ओकरो हाथ मोबाइल बा।।
हैलो मैडम, हैलो डार्लिंग
खबर लगलें पूछे ।
घर के लइका सब्जी बिनू
खाते नइखे छुछे ।।
घर के बीबी तरसत बारी
गोर में नाही पायल बा।
जेकरा घरे खरची नइखे
ओकरो हाथ मोबाइल बा ।।
मोबाइल में बैलेंस नइखे
करे के कौल ।
दिन भर जहां तहां
मारस मिसकौल।।
ठीक ठाक हमेशा करस
चौबीसों घण्टा राउन बा
समय आवे समस्या आवे त
कहस कि बैटरी डाउन बा ।।
केतनो बात बताइब लेकिन
निर्भय के नाही बुझाइल बा
जेकरा घर में खरची नइखे
ओकरो हाथ मोबाइल बा ।।
– गांव-गम्हरिया
पोस्ट इसुआपुर सारण बिहार