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   – सिद्धेश्वर 

नज़्म

 

चंदन की खुशबू

आओ

बिखेरते हैं हम,

चंदन की खुशबू !

आस पास से

मिट जाए,

नफरत की बदबू !!

प्यार के रंगों में,

भिंगो लें,

अपना तन -मन

वसंत से

जोड़ लें,

दिल का चमन !!

~~~~~~~

2 होली का है शोर और

ढोल नगाड़े

खड़क रहे l

सजना को देख

सजनी की,

आंखों के जाम

छलक रहे ll

यह कैसी

खुमारी चढ़ी,

बहकने लगा

तन मन l

देख बहारों की

चंचलता,

फागुन का रंग

झमक रहा ll

बदरंग चेहरा भी

आज,

लग रहा है

कितना प्यारा l

इठलाती

परियों का यौवन

कितना दमक रहा ll

 

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