Spread the love

 

 

 

– विजयानंद विजय

 

उसने सड़क किनारे कार रोकी ही थी कि वे दौड़कर उसके पास आ गये। फटे-पुराने कपड़े पहने सभी बच्चे कातर नजरों से उसे देखने लगे। उसने कार की डिक्की खोली और लंच पैकेट उन्हें देने लगा। वे उन पर ऐसे टूट पड़े, मानो कई दिनों के भूखे हों। वह वहीं खड़ा होकर उन्हें देखता रहा। एक बच्चा उसके पास आया और एक कौर उसके मुँह में भी डाल दिया। वह मुड़ा और अपनी आँखें हुए कार में बैठ गया।

फिर वह आगे बढ़ गया। फुटपाथ पर दोनों पैरों से लाचार एक बूढ़े बाबा बैठे दिखाई दिए। उन्हें लंच पैकेट और पानी की एक बोतल थमाई। बाबा खुश हो गये और उसके सिर पर हाथ रखकर ढेरों आशीर्वाद दिए।

सामने एक मजदूर अपनी पीठ से बोरा उतारने की कोशिश कर रहा था। उसने उसकी मदद कर दी। वह खुश हो गया। उसने जब लंच पैकेट और पानी का बोतल बढ़ाया, तो मजदूर ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया। उसका गले मिलना आज उसे बहुत अच्छा लगा।

अपने जीवन की घड़ी की टिक-टिक की आवाज उसे साफ – साफ सुनाई पड़ रही थी। ज़िंदगी की सच्चाई का अहसास उसे हो गया था। बेहिसाब अर्जित धन, आलीशान घर, बँगले, गाड़ियाँ, ऐश्वर्य, सुख-सुविधा, मँहगी जीवन शैली और अनाप – शनाप खर्चे… सब उसे बेमानी लगने लगे थे। नहीं ! यह जीवन नहीं है। जब तक दुनिया में कोई भी भूखा, दु:खी या कष्ट में है, तब तक वह खुश कैसे रह सकता है ? जबसे डॉक्टर ने उसे थर्ड स्टेज कैंसर बताया है, जीवन के प्रति उसका दृष्टिकोण ही बदल गया है। बिजनेस की जिम्मेदारी पत्नी-बच्चों ने सँभाल ली है। वे धीरे – धीरे उसके बिना जीने की तैयारियाँ करने लगे हैं और वह निराशा के गर्त्त में जाना नहीं चाहता है।

बैठे-बैठे मौत का इंतजार करने की बजाय उसने अब दूसरों को खुशी और ज़िंदगी देने का निश्चय कर लिया है। रोज सुबह वह पास वाले होटल में जाता। वहाँ से लंच पैकेट्स और पानी की बोतलें डिक्की में भरवाता  और निकल पड़ता – शहर की सड़कों पर  – उदास आँखों में खुशी की किरण तलाशने। गरीब, बेसहारा, असहायों को खुशी देकर, उन्हें खुश देखकर, उनका स्नेह और आशीर्वाद-भरा स्पर्श पाकर उसे बहुत संतोष मिलता था और उन अनगिनत उदास आँखों में सूरज की चमक देखकर उसकी उम्र की डोर भी लंबी होती जाती थी।

 

  • आनंद निकेत, बाजार समिति रोड ,पो. – गजाधरगंज

बक्सर ( बिहार ) – 802103, मोबाइल नं. – 9934267166

ईमेल –  [email protected]

One thought on “डोर”

Leave a Reply

Your email address will not be published.