“अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंच ” रचनाकार ” के बिहार इकाई द्वारा प्रथम काव्योत्सव संपन्न !”
” साहित्य समाज को सकारात्मक
सोच देने में सक्षम!”: आराधना प्रसाद
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“साहित्यिक गोष्ठियों नई प्रतिभाओं को
निखारती और सवांरती है!”: सिद्धेश्वर
पटना :25/11/2021! नेहाल सिंह ने -“आज की ये दोस्ती क्या खूब है यारों ! माल हाथ हो तो दोस्त मिलते हजारों !!”/ सूर्य प्रकाश उपाध्याय ने-” विविध वस्तु से रचा विधाता, गुण अवगुण सब दिया निखार !”/ कुंदन आनंद ने -” क्या-क्या उपमा जोड़ें शायर?, क्या-क्या लिखे क्या-क्या छोड़े शायर शायर!,शायर है परेशान बेचारा,,कुछ ऐसा है रूप तुम्हारा!”/ अर्जुन कुमार गुप्त ने-” गुम हो गई है हंसी ठिठोली!”
सिद्धेश्वर ने – ” जब दुश्मनों को अपने सर पर बिठाए रखना /हम दोस्तों से अपना दामन बचाए रखना!/ उजड़े हुए चमन में तुम रह कर क्या करोगे ?/छोटी सी एक दुनिया दिल में बसाए रखना !”/ संगरिका रॉय ने “पांडे जी कमाल करते हैं,हमसे कहते हैं कि दहेज लेते हैं,खुद को नहीं पता कि, क्यों देते हैं!/नेहा नूपुर ने -” पिंजरे में कैद एक पंछी,सुना रहा था अपनी व्यथा!,सहचर मुग्ध- मधुर, ऊँची उड़ान की कथा !”
आराधना प्रसाद ने -” जय भारत उद्घोष किये तू चलता चल! सच का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ता चल।।अंगारों पर तपकर बनना है सोना ,मंज़िल पाना तय है,धैर्य नहीं खोना।/प्रखर पुंज ने-” ये तेरा गांव नहीं है, शहर है बाबू!,पिघलता पानी नहीं है ज़हर है बाबू।/ लता सिन्हा ज्योतिर्गमय ने-” कैलाशी, काशी वासी के, मस्तक की हूं चंद्रप्रभा !”/ पथिक रचना ने -” पिंजरे में कैद एक पंछी,सुना रहा था अपनी व्यथा !” जैसे समकालीन कविता, गीत और गजलों से देश-विदेश के श्रोताओं को मनमुग्ध कर दिया !
यह अवसर था अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था ” रचनाकार ” के बिहार इकाई द्वारा, अपने पहला राष्ट्रीय काव्य पाठ का ! जिसका सफल और सशक्त संचालन कर रही थीं- वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित शायर आराधना प्रसाद ! यह ऑनलाइन कवि सम्मेलन, गूगल के जूम एवं फेसबुक के “रचनाकार ” पटल पर एक साथ प्रसारित हो रही था और काव्य प्रेमी इसे देखते सुनते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दिए जा रहे थे !
इस आयोजन के मुख्य अतिथि और रचनाकार के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चौधरी (कोलकाता) ने रचनाकार संस्था के बिहार इकाई का उद्घाटन करते हुए कहा कि “बिहार इकाई का गठन आराधना प्रसाद, सिद्धेश्वर, कुंदन आनंद, शैलजा सिंह, सूर्य प्रकाश उपाध्याय और निहाल सिंह जैसे नए एवं वरिष्ठ रचनाकारों को लेकर हुआ है, जो हमें एक नई दिशा देने में सक्षम दिख रही है !”
संस्था की अध्यक्ष आराधना प्रसाद ने कहा -हमने “रचनाकार एक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्रांति”के बिहार इकाई का उद्घाटन व इस काव्योत्स्व के माध्यम से देशभर के रचनाकारों को जोड़ने का विनम्र प्रयास किया है ! क्योंकि साहित्य ही समाज को सकारात्मक सोच देने में सक्षम है !”” इस संस्था के महासचिव सिद्धेश्वर ने कहा कि-” नई प्रतिभाओं को, वरिष्ठ साहित्यकारों के सानिध्य में निखारने और उनका हौसला बढ़ाने में, इस तरह की साहित्यिक गोष्ठियां, अभूतपूर्व भूमिका का निर्वाह कर रही है !”
इस ऑनलाइन, काव्योत्स्व के अंत में, सभी कवियों एवं श्रोताओं के प्रति धन्यवाद देते हुए, रचना सरन ने कहा कि -” आराधना प्रसाद एवं सिद्धेश्वर के सहयोग से हम भविष्य में इस अंतरराष्ट्रीय रचनाकार मंच के द्वारा ” लघुकथा पाठ ” का भी आयोजन करेंगे ! [
प्रस्तुति : सिद्धेश्वर {महासचिव}” रचनाकार ” ( बिहार)/ मोबा :92347 60365
ईमेल :[email protected]