– डॉ. राजश्री तिरवीर
प्यार किसने नहीं किया होगा,
दर्द गम का नहीं सहा होगा |
उसका अपने तमाम अंगों पर
नाम किसने नहीं लिखा होगा ||
फूल वह पुस्तकों के पन्नों में,
दाब किसने नहीं रखा होगा ||
याद में उसकी खोया खोया सा,
रात भर कौन ना जगा होगा ||
वेवफाई की चोट खाकर के,
जख्म किसका नहीं दुखा होगा ||
इश्क़ का भूत इस जवानी में,
‘राज’ किसपे नहीं चढ़ा होगा ||