– अरुण कुमार वर्मा
लगता है वो पास बहुत है
बस इतना एहसास बहुत है
सच क्या है ये वह ही जाने
दिल को तो विश्वास बहुत है।
बिन लफ्जों की बंद लबों से
की गई अरदास बहुत है।
संशय के वीरान सफर में
आंसू और उल्लास बहुत है।
लोग उसे कुछ भी कहते हों
मेरे लिए वह खास बहुत है।
चाहत है बस एक झलक की
फिर भी मन उदास बहुत है ।।