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– राजीव कुमार

 

अभिनय दरवाजे के पास आकर मंजरी से बोला, “अगर आप मेरी मम्मी नहीं बनिएगा तो मैं मर जाऊंगा।’’
अभिनय अपने पापा के पास गया। विकास शर्मा अपने बेटे की लाल सुजी हुई आँखें देखकर पूछ बैठे, “क्या हुआ अभिनय, तुम रो क्यों रहे हो ?’’
अभिनय अपने पापा के सीने से लग कर बोला, “पापा, आखिरी बार कुछ मांगूं, हमको देंगे न ?’’
विकास शर्मा अभिनय के सिर पर हाथ फिराते हुए बोले, ” हां बेटा, तुम्हारी हर कमी पूरी की है, यह माँग भी पूरी करूंगा।’’
अभिनय, “पापा, आप दूसरी शादी करने वाले हैं न ?’’
विेकाश शर्मा थोड़े से शरमा गए, चेहरे पर शिकन लाते हुए बोले, “हाँ बेटा, तुम्हारी मम्मी को ला रहा हूँ।’’
अभिनय अपने पापा के पैरोें में गिर कर बोला, ” पापा, जो घर में हैं, जिसने हमको पाला-पोषा है। हमको वही मम्मी चाहिए। नहीं तो घर से भाग जाऊंगा और कभी आपके पास नहीं आऊंगा।’’
विकास शर्मा गहरी सोच में पड़ गए और थोड़ी देर बाद अपने बेटे को गोद में लेकर मंजरी के कमरे में पहुंचे और मंजरी से बोले, ’’ तुम जा रही हो? अच्छा, यह तो बताओ कि तुम्हारी कौन सी माँग मैंने पूरी नहीं की है ?’’
मंजरी ने कहा, ’’नहीं…नहीं मालिक, ऐसा तो कुछ भी नहीं है जिसकी कमी रही हो। हर चीज तो बिना माँगे ही मिल गई है।’’
“आज मैं तुमसे एक चीज मांगूगा इंकार तो नहीं करोगी ?’’ विकाश शर्मा ने पूछा।
मंजरी हल्का सा मुस्करायी और बोली, “मैं भला क्या दे सकती हूँ आपको ?’’
विकास शर्मा ने मंजरी की आँखों में आँखें डाल कर पूछा, “अभिनय की मम्मी बनोगी, मुझे अपना साथ दोगी ? तुमसे अच्छी माँ अभिनय के लिए कोई दूसरी हो ही नहीं सकती है। तुम चाहो तो इंकार कर सकती हो। मैं अभिनय को बहला-फुसला लूंगा।’’
मंजरी की आँखें भर आईं । उसने अभिनय की तरफ देखा और उसको गोद में उठा कर विकास शर्मा के गले लग गई।

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