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– मधु

 

हे जगत के प्राण
सूर्य नारायण
वंदन अभिनंदन है
हे प्रतिष्ठित सूर्य तुम्हारा
प्रकृति का कण – कण हो रहा ऊर्जावान
अंकुरित हों रहीं नव कलिका सी नव आशाएं
स्वागत शुभ आलिंगन
नव ऊष्मा का
तिरोहित हो रहा रात्रि का अँधियारा
जीवन में बढ़े इंद्र धनुष के रंग
सूर्य की उज्जवल रश्मियां रहे

हमारे हर पल संग .

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