मौजूदा दौर से मुड़भेड़ करती कविता
” मौजूदा दौर से मुठभेड़ करती हुई कविता ही समकालीन है !”: भगवती प्रसाद द्विवेदी —————————————————————— “घरेलू गोष्ठियां, बाज़ारू…
” मौजूदा दौर से मुठभेड़ करती हुई कविता ही समकालीन है !”: भगवती प्रसाद द्विवेदी —————————————————————— “घरेलू गोष्ठियां, बाज़ारू…
पटना :02/05/2022 ! ” हमारे दैनिक जीवन में संगीत की अहम् भूमिका रही है ! संगीत ही है…
“ गीत, ग़ज़ल और कविता हमें मानसिक तनाव से मुक्त करती है !”: – प्रेम किरण 00000000000000000000000 सपाटबयानी…
“कविता से अधिक पढ़ी जाने वाली विधा है लघुकथा !: सिद्धेश्वर ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ” ” देखन में छोटी लगे पर…
” क्रोध में विवेकहीन होकर ” युद्ध ” को अंतिम विकल्प बना लेते हैं हम !”: सिद्धेश्वर ~~~~~~~~~~~~~ ” युद्ध…
पटना : 12/03/2021 ! शैलजा सिंह ( गाजियाबाद) ने – मन में फागुन तन में फागुन, झीलों नदियों, वन में…
सुकून, शांति, आनंद और सरसता का एहसास कराने में पूर्णतया सक्षम है संगीत ! : मुरारी मधुकर ~~~~~~~~~…
दिनांक 27 फरवरी 2022 को प्रातः 11:00 बजे अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तराखंड की नैनीताल इकाई द्वारा वरिष्ठ…
पटना : 21/02/2022 ! ” किसी भी रचना की प्रासंगिकता इस बात पर निर्भर करती है कि उसका…
“आरंभिक काल से ही कथाकारों द्वारा कथा सृजन की उपयोगिता से इनकार नहीं किया जा सकता l …
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