– रशीद ग़ौरी
” पापा, मैं उस लड़की से शादी नहीं कर सकता।”
” क्या…! क्या कहा तूने…!!” मम्मी-पापा दोनों एक साथ चौंक गए।
” अरे हुआ क्या है तुझे ? तूने खुद ने ही लड़की पसंद की थी। लड़की खूबसूरत है। पढ़ी-लिखी है। अच्छा घर-बार है। अचानक तुझे यह क्या हो गया है ?” पिता ने आश्चर्य से पूछा।
” बस, मैंने कह दिया आपसे…।” लड़के ने अपना निर्णय सुना दिया और तेजी से कमरे से बाहर चला गया। मम्मी पापा अपने जवान बेटे की पीठ को एकटक देखते रह गए।
” इसका दिमाग खराब हो गया है। क्या हो गया इसे !” बेटे के रुख में आया परिवर्तन अनेक सवाल खड़े कर रहा था।
लड़के के दिल में एक अजीब सी कश्मकश धूम मचा रही थी। कैसे बताए। क्या बताए। वह लड़की पड़ौस के किसी लड़के की फ्रेंडशिप में है…।
तभी, मोबाइल की घंटी टन-टना उठी। और, लड़के के विचारों की लड़ियां बिखर गईं।
उसने फोन उठाया। उधर से उसी की गर्लफ्रेंड की मधुर आवाज़ उभरी। जो उसके कानों में रस घोलते हुए भीतर तक उतरती चली गई। सारा अवसाद पलक झपकते ही फुर्र हो गया।
इधर, उसकी दोहरी मानसिकता भी उजागर हो गई।
…..
– सोजत सिटी।