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     देश की आज़ादी में अनेक नारे गूंजे जिसमें   ” भारत छोड़ों ” की गूंज गहरी थी और  अंग्रेज भारत छोड़ गए  । यह नारा  यूसुफ मेहर अली  ने दिया था  जिसे बापू ने स्वीकार कर लिया ।
   इससे पूर्व भी  यूसुफ ने  साइमन गो बैक का नारा दिया था  । समाजवादी, स्वतंत्रता सेनानी,  राष्ट्रवादी खोजा मुस्लिम यूसुफ देश की आज़ादी के लिए  8 बार जेल गए थे  ।
    अमीर परिवार मे जन्में यूसुफ के दादा ने मुम्बई मे पहली कपड़ा मिल डाली थी  । उन्होंने इतिहास और अर्थशास्त्र मे बीए किया और सरकारी कॉलेज से  एलएलबी किया था  ।
  1928 मे संवैधानिक बदलाव के नाम पर  ब्रिटिश सरकार अपने कुछ कानून धोपना चाहती थी  । इसके लिए  साइमन कमिशन बनाया पर उसमे एक भी भारतीय सदस्य नहीं था जिसका महात्मा गाँधी और  क्रांतिकारी विरोध कर रहे थे  जिसके लिए यूसुफ ने नारा “साइमन गो बैक  ” दिया जो लोकप्रिय हो गया  । यूसुफ ने नमक मार्च,  सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी आगे आ कर भाग लिया था  ।
    23 सितंबर 1903 को जन्में यूसुफ ने अनेक पुस्तकों का लेखन किया  जिसमें लीडर ऑफ इंडिया,   वाट टू रीड ए स्टडी,  ए ट्रिप टू पाकिस्तान,  द मॉडर्न वर्ल्ड,  द प्राइज ऑफ लिबर्टी  प्रमुख है  । 2 जुलाई  1950 को निधन हो गया  । भारत ने अपने एक महत्वपूर्ण नेता को खो दिया  ।
प्रस्तुति –
भारत दोसी,  शाहिद मंसूरी

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