पुस्तक – चीकू-मीकू का उपहार
( बाल कथा संग्रह)
लेखिका– नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’
मूल्य – 90 रुपए
प्रकाशक – नोशन प्रेस
प्रथम संस्करण – 2022
समीक्षक – त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बच्चों के सम्यक विकास के लिए उन्हें श्रेष्ठ बाल साहित्य उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है । बच्चों को शिक्षित और सुसंस्कृत बनाने के लिए रोचक, मनोरंजक और शिक्षाप्रद साहित्य को सदैव स्वीकार्य किया जाता रहा है । बाल कविताएं, बाल कहानियां, बाल नाटक या एकांकी, यात्रा वृतांत, जीवनी इत्यादि विधाओं के माध्यम से पल्लवित बाल साहित्य का बाल जीवन के उन्नयन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।
आज विपुल मात्रा में बाल साहित्य का सृजन किया जा रहा है । इसी क्रम में मुझे नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ का सद्य प्रकाशित बाल कथा संग्रह ‘चीकू-मीकू का उपहार’ प्राप्त हुआ है । इस कथा संग्रह में नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ की दस बाल कहानियां संकलित हैं ।
नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ हिन्दी और भोजपुरी की रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएँ लम्बे समय से पत्र-पत्रिकाओं में स्थान पाती रही हैं । अपने परिवेश से कहानियों के ताने बाने बुनने वाली ‘नित्या’ के इस संकलन की पहली बाल कहानी ‘दोस्ती का रहस्य’ है । यह कहानी दो सहेलियों की दोस्ती को आधार बनाकर लिखी गयी है । इस कहानी के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि सच्ची मित्रता एक दूसरे के विश्वास और समझदारी पर ही निर्भर है ।
कथा संग्रह की दूसरी बाल कहानी ‘गुलकंद’ के माध्यम से रचनाकार ने समाज में रह रहे ढोंगी बाबाओं से बच्चों को सचेत करने का सार्थक प्रयास किया है । इस बाल कहानी मे समझाया गया है कि किस प्रकार कुछ ढोंगी भोले भाले बच्चों को अपने वाग्जाल में फंसाकर उन्हें ठगते हैं ।
( त्रिलोक सिंह ठकुरेला )
तीसरी बाल कहानी ‘ होली के बहाने’ ऐसी कहानी है, जो यह सिखाती है कि बुरी सोच का परिणाम अपने लिए भी घातक होता है । इस संग्रह की कहानी ‘ चीकू-मीकू का उपहार’ एक श्रेष्ठ बाल कहानी है। यह कहानी सिद्ध करती है कि संसार में विद्यादान से बढ़कर कुछ भी नहीं है ।
नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ की कहानी ‘वादा’ एक मार्मिक कहानी है, जिसमें जीवन में संघर्ष और आत्म-विश्वास की महत्ता को प्रतिपादित किया गया है । ‘कूड़ेघर का राज’ रितु, आयशा और पुष्पक नामक बच्चों की समझदारी और सूझबूझ की एक साहसिक बाल कहानी है ।
‘कालकोठरी’ आत्मकथात्मक शैली में लिखी गयी बाल कहानी है, जो विद्यालय में बरती गयी अनुशासनहीनता और रैगिंग के दुष्परिणामों के बारे मे बच्चों को सचेत करती है । ‘बदल गई तान्या’ कहानी तान्या और उसके घर में काम करने वाली उसकी हमउम्र सोनी के घरौंदा बनाने को आधार बनाकर लिखी गयी बाल कहानी है, जो यह सिखाती है जीवन में सामाजिक ऊंच नीच के बीच गुण और समझदारी अधिक महत्वपूर्ण है और किसी भी उचित सलाह पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ।
इस संग्रह की बाल कहानी ‘बेटे का फर्ज’ एक भावप्रधान कहानी है, जो बुजुर्गों के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करने और सेवा के लिए प्रेरित करने में सक्षम है । संकलन की अंतिम बाल कहानी ‘स्टिंग ऑपरेशन’ है, बाल यौन-शोषण से सचेत करती है ।
‘चीकू-मीकू का उपहार’ की सभी कहानियां सरल भाषा शैली में लिखी गयी संदेशपरक कहानियां हैं । नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ ने इन कहानियों में कहीं कहीं आंचलिक भाषा के शब्दों का भी प्रयोग किया है । यह कहना उचित होगा कि ‘चीकू-मीकू का उपहार’ बच्चों के लिए सार्थक कहानियों का एक अभिनव उपहार है ।
मैं आशा करता हूँ कि नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ सृजन-पथ पर बढ़ते हुए बच्चों के लिए और भी पठनीय और उद्देश्यपरक बाल कहानियां लिखेंगी ।
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बंगला संख्या-99
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जिला- सिरोही ( राजस्थान )
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