– विद्या शंकर विद्यार्थी
गीत
मिलल चोट लोग से अबो दिल दुखाला
बढ़ल दरद जाला, ना आँसू सुखाला
नजर में समाइल खुशी रहे हमरे
हँस हँस के खाइल खुशी रहे हमरे
मिलल रोस लोग से अबो दिल दुखाला
बढ़ल दरद जाला, ना आँसू सुखाला।
बढ़ल डेग आगे के पार लोग लेला
अपनइती कर के धार लोग देला
मिलल मोट लोग से अबो दिल दुखाला
बढ़ल दरद जाला, ना आँसू सुखाला।
भँवर में समाइत बनल ई बसेरा
बचेके रहे लोग के लागल ना फेरा
मिलल मोच लोग से अबो दिल दुखाला
बढ़ल दरद जाला, ना आँसू सुखाला।