– विद्या शंकर विद्यार्थी
आरे रामा धंधकत बा दिन दुपहरिया,
सवनवा तनवा जारे ना
सूना अकसवा से बदरा पराइल रामा
आरे रामा चलेले लहकल बेयरिया
सवनवा तनवा जारे ना।
सावन महिनवा के कजरी भुलाइल रामा
आरे रामा केनहूंँ ना लउके बदरिया
सवनवा तनवा जारे ना।
अहरी पोखरिया के पनिया सुखाइल रामा
आरे रामा बिंदिया प लागल नजरिया
सवनवा तनवा जारे ना।